Monday, May 12, 2014

रैगिंग लेने वाले छात्रों को पुलिस की मदद से निकाला

धमतरी (ब्यूरो)। मसीही अस्पताल के नर्सिंग हास्टल में रहने वाले यूपी के 2 छात्रों ने पहले तो रैगिंग लेकर जूनियर छात्रों को प्रताड़ित किया। जब उन्हें हास्टल से रेस्टीगेट कर दिया गया तो निष्कासन आदेश फाड़कर अस्पताल प्रबंधन को परेशान करने की कोशिश की। अंत में पुलिस की मदद से छात्रों को हॉस्टल से बाहर किया गया।
मसीही अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संदीप पटौंदा ने बताया कि नवंबर 2013 एवं 28 अप्रैल 2014 को मसीही नर्सिंग हॉस्टल में नर्सिंग तृतीय वर्ष के 2 छात्रों के खिलाफ 5 छात्रों ने रैगिंग की शिकायत की। यूपी निवासी दोनों छात्र जूनियर छात्रों की विभिन्न तरीकों से रैगिंग लेकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे।
पुलिस बुलाना पड़ी
शिकायत के आधार पर एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच की। जांच में शिकायत सही मिलने पर दोनों छात्रों को कालेज से रेस्टीगेट कर दिया गया। इसी बीच दोनों छात्रों ने निष्कासन आदेश को फाड़ दिया। डॉ. पटौंदा ने बताया कि इसके बाद दोनों छात्रों को हास्टल से निकालने सोमवार 5 मई को पुलिस बुलानी पड़ी।
शाम को कोतवाली पुलिस के 1 एसआई, 2 एएसआई और अन्य स्टाफ नर्सिंग कालेज के हास्टल पहुंचा। इसके बाद दोनों छात्र खुद हास्टल छोड़ने राजी हो गए। कोतवाली पुलिस ने बताया कि छात्रों ने पुलिस की समझाइश के बाद हास्टल छोड़ दिया है।
नहीं रुक रही रैगिंग
धमतरी जिले में साल में 1-2 बार रैगिंग का मामला सामने आ ही जाता है। कड़े कानून बनने एवं हर कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी होने के बावजूद सीनियर छात्र रैगिंग के नाम पर जूनियर छात्रों को प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रहे। वर्ष 2013 में पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं द्वारा रैगिंग लेने का मामला सामने आया था।
अब मसीही नर्सिंग कॉलेज में रैगिंग करने वाले 2 छात्रों को रेस्टीगेट करने का मामला उजागर हुआ है। मालूम हो कि अपने परिवार से दूर हास्टल में रहने वाले छात्र रैगिंग के नाम पर हंसी, मजाक या शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना के रूप में दूसरों को परेशान करते रहते हैं। जब मामला पुलिस तक पहुंच जाता है या किसी को निष्कासित कर दिया जाता है, तभी रैगिंग की घटना सार्वजनिक हो पाती है।

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