Wednesday, October 22, 2014

रैगिंग का डर... जूनियर्स के लिए अलग होस्टल दिनेश जोशी|Jul 05, 2014, 06:27AM


इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में नए सत्र से यूटीडी (यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट) के विभिन्न विभागों में एडमिशन लेने वाले सभी नए छात्रों के लिए होस्टल अलग कर दिया गया है। अब प्रथम वर्ष के छात्र तक्षशिला परिसर स्थित जे.सी. बोस होस्टल में रहेंगे,जबकि सभी सीनियर छात्र अन्य होस्टलों में रहेंगे। यूनिवर्सिटी ने यह कदम रैगिंग रोकने के लिए उठाया है।
प्रबंधन उन सभी सीनियर्स को नोटिस जारी कर रहा है जो फिलहाल जे.सी. बोस होस्टल में रह रहे हैं, ताकि नए सत्र के शुरू होने से पहले यह होस्टल पूरी तरह खाली हो सके और केवल
जूनियर्स को ही यहां एंट्री दी जा सके।
 
प्रबंधन अपने इस निर्णय की हर माह समीक्षा करेगा। ताकि यह तय किया जा सके कि जो निर्णय लिया गया है वह कितना सही है। फिलहाल प्रबंधन ने इसे लागू कर दिया है और जो भी नए छात्र होस्टल में प्रवेश लेना चाह रहे हैं, उन्हें यही होस्टल अलॉट किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी के कुल 13 होस्टल हैं।विवि प्रबंधन की तैयारी है कि जल्द ही गर्ल्स होस्टल में भी यही प्रयोग लागू किया जाए। इसका निर्णय भी हो चुका है। संभवत: छात्राओं की संख्या पता चलने के बाद होस्टल का चयन किया जाएगा।
 
अब ऐसे होगा होस्टलों का संचालन
 
 
>कोई भी जूनियर छात्र किसी भी होस्टल में सीनियर्स के साथ नहीं रहेगा।
> अगर जूनियर्स के लिए एक होस्टल में जगह कम पड़ती है तो एक और होस्टल का चयन किया जाएगा।
> कोई भी सीनियर छात्र जूनियर्स के होस्टल में बिना अनुमति प्रवेश नहीं कर पाएगा।
 
सभी होस्टल में चस्पा होंगे हेल्प लाइन नंबर
 
इधर, यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सभी होस्टल के वार्डन को निदेश दिए हैं कि वे किसी भी स्थिति में सात दिन के भीतर सभी होस्टल में यूजीसी द्वारा जारी किए गए रैगिंग संबंधी हेल्पलाइन नंबर चस्पा करे, ताकि छात्र तुरंत संपर्क कर शिकायत कर सके।
 
रैगिंग की शिकायतें ज्यादा, इसलिए लिया निर्णय
 
"रैगिंग गंभीर समस्या है। हर साल मामले भी सामने आ रहे थे। इस तरह की ज्यादातर शिकायतें होस्टलों से ही मिलती हैं, इसलिए यह निर्णय लिया। अब नए एडमिशन लेने वाले सारे जूनियर्स(छात्र)एक ही होस्टल में अलग से रहेंगे। जल्द ही इसे गर्ल्स के लिए भी लागू किया जाएगा।''
 
-डॉ. राजीव दीक्षित, डीन, छात्र कल्याण संकाय

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